जिस तरह पत्थरो को तराश कर नक्काशी करके कलाकार बहुमूल्य आकृतियाँ बनाते है तो उसकी कला समाज में प्रदर्शित होने पर प्रेरणा का स्रोत बन जाती हैं, उसी तरह हमारे कॉलेज के शिक्षक छात्र/छात्राओं को तराश कर ऐसा मेधावी बनाकर भेजते हैं, जो अच्छी-2 प्रतियोगिताओ को पास करके या अन्य प्रतिष्ठानो में उचित पद पते हैं, उस समय हमारे कॉलेज की गरिमा और भी बढ़ जाती हैं।
हालाँकि हमारा विद्यालय गरीबों, मजदूरों, असहायों के बच्चो के लिए ही नहीं बल्कि सभी वर्गों, समुदायों के साधारण व आमिर घरो के बच्चो के लिए भी हैं ताकि इसे कोई अन्यथा न समझे। हम तो यही कहना चाहते थे कि वो लोग धनाभाव के कारण शिक्षा से वंचित न रह जायें। हमसे जो बन पड़ेगा उनके लिए सहयोग करेंगे।